Friday, December 5, 2008

" खूबसूरत धोका "

" ज़िन्दगी ग़मों की इक धुप है और हम छाँव ढूँढ रहे हैं,

शहर की इस भीड़ से दूर हम तेरा गाँव ढूँढ रहे हैं, "

हर चेहरे पे इक शिकन दिखयी देती है,

हर इक आवाज़ में इक सिसकी सुनाई देती है,

कश्ती डूब रही है हमारी, ये मालूम है हमको,

फिर भी हम आज आवाज दे रहे हैं तुमको,

मरने का खौफ नहीं पर, तेरे दीदार के बाद मरना है,

और हर शक्श ये कह गुजरना है,

कि मोहब्बत नहीं ये धोका है,

" पर आज धोका ही तो सबसे खूबसूरत है "

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