Tuesday, June 16, 2009

" इश्क "

ये इश्क क्या है,
एक काँटों भरी हवा है,
एक मीठा ज़हर है,
एक प्यारा कहर है,
एक खामोश सैलाब है,
एक ज़हरीली शराब है,
एक ख्वाबों का आशियाना है,
एक खाली सा पैमाना है,
एक अजीब सी चुभन है,
एक मीठी सी जलन है,
एक अजब सा एहसास है,
कोई दूर है पर पास है,
एक महकती सी सुबह है,
एक ढलती सी श्याम है,
एक सजती सी महफ़िल है,
एक उदासी का जाम है,
एक खिलती सी सुबह है,
एक ढलती सी श्याम है,
एक दुःख भरी मुस्कान है,
एक अलग सी पहचान है,
एक अजीब सा जादू है,
एक अजीब सी खुशबू है,
एक ऐसी पहेली जो कभी ना सुलझे,
जितना सुलझाओ उतनी और उलझे,
एक ऐसा समंदर जिसका कोई किनारा नही,
एक ऐसा आसमान , जिसमे कोई सितारा नहीं,
एक ऐसा विश्वास जो टूट कर भी ना टूटे,
एक ऐसा साथ जो छूट कर भी ना छूटे...........

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